नागरिकता संशोधन बिल भारतीय संविधान के मूल ढांचे के विपरीत: सिद्दिकी


वैढ़न,सिंगरौली। नागरिकता संशोधन कानून देश हित के लिए खतरा है उक्त उद्गार प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से मध्य प्रदेश मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के जिला अध्यक्ष अधिवक्ता उसैद हसन सिद्दीकी का है श्री सिद्दीकी ने अपने विज्ञप्ति में बताया कि नागरिकता संशोधन बिल भारतीय संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है एवं असनवैधानिक है यह कानून  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 व 21को खुलेआम उल्लंघन है, दुनिया के सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत और उसका सिद्धांत  दोनों ही धर्मनिरपेक्ष है और धर्मनिरपेक्षता समता समाजवाद ही इसकी मूल भावना और प्रस्तावना है उक्त कानून का में घोर निंदा करता हूं विरोध करता हूं।
मध्य प्रदेश मुस्लिम पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष ने बताया कि देश में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी ने मिलकर देश के लिए दिया था और संपूर्ण राज्य की स्थापना की थी जिसमें सभी धर्मों को समान अधिकार दिया गया किंतु इस देश में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की साजिश रची गई है जिसका मैं विरोध करता हूं
अधिवक्ता संघ के सदस्य गंगा प्रसाद साह एडवोकेट ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से देश में एकता और अखंडता को खतरा है  जिसका मैं निंदा करता हूं ।
नाजी संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष  रति भान वर्मा ने कहा कि जो भारत में पैदा हुए हैं वह भारतीय है,और भारत हमारे दिलों में बसता है भारत में रहने के लिए हमें साक्ष्य देने की  आवश्यकता नहीं है और ना ही हम इसे बर्दाश्त करेंगे हम बाबा भीमराव  अंबेडकर के बनाए हुए संविधान को मानने वाले हैं अगर  कानून लागू करना ही है तो डी एन ए के आधार पर कानून लागू हो ऐसे कानून का घोर विरोध करता हूं। मूलनिवासी संघ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अधिवक्ता नंदकिशोर पटेल ने कहा कि एनआरसी और कैब दोनों भारत देश के संविधान विरोधी हैं और समानता और जीने का स्वतंत्रता का अधिकार का उल्लंघन है यह मौलिक अधिकारों का हनन है  भारत के संविधान का अपमान है जो एक जो राष्ट्र द्रोही के श्रेणी में आता है।