नागरिकता की नोटबंदी की तरह है देशव्‍यापी एनआरसी: प्रशांत किशोर 


 एनआरसी से सबसे ज्‍यादा शिकार वे लोग होंगे जो अधिकारव‍िहिन और गरीब हैं 
पटना। दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार की रणनीति बनाने पर मुहर और बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से हरी झंडी मिलने के बाद जेडीयू नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर भाजपा आ गई है। जेडीयू के उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर ने अपनी ही सहयोगी पार्टी भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया ‎कि  एनआरसी का विचार नागरिकता के नोटबंदी की तरह से है, यह तब तक अवैध है जब तक कि आप इसे साबित नहीं कर देते हैं। इसके सबसे ज्‍यादा शिकार वे लोग होंगे जो अधिकारव‍िहिन और गरीब हैं। हम अनुभव से यह जानते हैं। मैं पीछे नहीं हट रहा। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों राज्‍यसभा में कहा था कि वह देशभर में एनआरसी बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
उन्‍होंने कहा कि गैर कानूनी तरीके से भारत में आए अन्य देशों के नागरिकों की पहचान के लिए देशव्यापी स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) बनाने की प्रक्रिया शुरू होने पर इसे असम में भी दोहराया जायेगा। बाद में एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर पार्टी स्टैंड से विपरीत जाने वाले उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने जेडीयू से इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने पटना में राज्य के सीएम और पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार से मिलकर इस्तीफा पेश किया। हालांकि सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने उनके इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया है। सीएम नीतीश ने साथ ही प्रशांत को भरोसा दिलाया कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं होगा।
नागरिकता संशोधन कानून पर पार्टी बुरी तरह दो भाग में बंट गई थी। जहां प्रशांत किशोर की अगुवाई में पवन वर्मा, गुलास रसूल बलियावी सहित कई नेताओं ने इस बिल का सपॉर्ट करने के पार्टी के फैसले को सार्वजनिक रूप से गलत कहा, तो पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं ने आरसीपी सिंह के नेतृत्व में न सिर्फ बिल को बिना शर्त समर्थन किया बल्कि प्रशांत किशोर जैसे नेताओं पर अपरोक्ष रूप से करारा हमला भी किया। दिलचस्प बात है कि जिस दिन प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से मुलाकात की उसी दिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलान किया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में उनके साथ काम करेंगे। प्रशांत किशोर अभी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए भी चुनावी रणनीति बनाने का काम कर रहे हैं।