नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया में हिंसक प्रदर्शन, तीन बसें फूंकी, कैंपस में घुसी दिल्ली पुलिस



नई दिल्ली



नागरिकता कानून पर देशभर में विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली के जामिया नगर में इस कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों में आग लगा दी और एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। आग को बुझाने के लिए मौके पर फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौजूद है। वहीं, प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में घुस गई है। हालांकि जामिया छात्र संघ ने हिंसक प्रदर्शन में छात्रों का हाथ होने से इनकार किया है। जामिया शिक्षक संघ ने भी यही कहा कि उग्र प्रदर्शन में उनके छात्र शामिल नहीं हैं। वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के ओखला शाहीन बाग इलाके में भी नागरिकता कानून के खिलाफ भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने कालिंदी कुंज रोड पर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

प्रदर्शनों को देखते हुए दिल्ली यातायात पुलिस ने ओखला अंडरपास से लेकर सरिता विहार तक आवाजाही बंद कर दी है। साथ ही पुलिस ने इन रास्तों पर जाने से बचने की भी सलाह दी है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने मथुरा रोड के विपरित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के रास्तों को बंद कर दिया है।   हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने सुखदेव विहार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार और जसोला विहार शाहीन बाग मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य में जारी प्रदर्शनों को लेकर कहा कि कोई भी हिंसक प्रदर्शन में शामिल नहीं हो। किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य है। शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करें। 


डर से दुकानें बंद



इस दौरान आसपास के कई दुकानदारों ने डर से अपनी-अपनी दुकाने भी बंद कर ली हैं। सड़क पर विरोध करने उतरे लोगों का गुस्सा देख आसपास के बाजारों के लोग सहमे हुए हैं। सड़क पर भी भीषण जाम लग लगा है।
छोटी-बड़ी हर तरह की गाड़ी जाम में फंसी हुई है। इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने इस कानून का जमकर विरोध किया था, जिसके बाद पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया था। हालांकि आज सुबह विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सफाई देते हुए कहा कि विरोध यूनिवर्सिटी परिसर के बाहर किया गया था और उसमें बड़ी संख्या में बाहरी तत्व शामिल थे।