महाराष्ट्र / पंकजा मुंडे ने कहा- भाजपा किसी एक की नहीं, मैं इसे नहीं छोड़ रही; पार्टी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र


बीड (महाराष्ट्र). पूर्व मंत्री और भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने गुरुवार को बीड में जनसभा को संबोधित किया। मौका था पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की जयंती का। इस सभा में पंकजा ने कहा, ''मेरे पिता के जाने के बाद आज भी उनकी यादें आम लोगों के दिलों में हैं। मेरे अंदर भी उनका ही खून है, इसलिए मैं कभी पार्टी से बगावत नहीं कर सकती। यह पार्टी किसी एक की नहीं है। हमारे खून में गद्दारी नहीं है। मैं पार्टी नहीं छोड़ रही, अगर पार्टी चाहे तो कोई भी निर्णय ले सकती है, मुझे उनके निर्णय पर खुशी होगी। चुनावों से पहले मैंने पूरे प्रदेश की यात्रा की थी। मैंने हमेशा पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया है।''


पंकजा ने कोर कमेटी छोड़ने की इच्छा जताई
पंकजा मुंडे ने सभा में भाजपा कोर कमेटी छोड़ने की इच्छा जताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल से कहा, ''आपको पता लगाना चाहिए कि किसने यह हवा उड़ाई कि मैं पार्टी छोड़ने वाली हूं। पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या मैं पार्टी छोड़ सकती हूं। लोगों के अंदर संदेह है, जिसे पार्टी को दूर करना चाहिए। मैं स्वतंत्र रहकर पार्टी और लोगों की सेवा करना चाहती हूं।'' पंकजा 27 जनवरी को औरंगाबाद में एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल करेंगी। इसका मकसद सभी का ध्यान मराठवाड़ा के मुद्दे पर खींचना है।


पंकजा मुंडे ने कहा-'गोपीनाथ मुंडे भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी उन्हें लोग कितना चाहते हैं यह आज समझ आ रहा है। मेरी चुनाव में हार हुई है पर लोगों का प्यार आज भी मेरे साथ है। मुझे छोटी-मोटी चिल्लर हार नहीं झुका सकती है।''एक दिसंबर को मैंने फेसबुक पर पोस्ट लिखा। आज 12 दिसंबर है। मैं क्या कदम उठा रही हूं, यह सब देख रहे हैं। लोग मेरे बारे में सूत्रों के हवाले से खबरें चला रहे थे, इतने भी अच्छे लोगों के सूत्र थे तो किसी को यह पता क्यों नहीं लगा कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार शपथ लेने वाले हैं।''लोग मेरे साथ हैं। मैंने संघर्ष यात्रा निकाली और मेरे साथ लोग खड़े रहे। विधानसभा चुनाव के वक्त मैंने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव प्रचार किया। हर विधायक के प्रचार के लिए गई ताकि महाराष्ट्र में सरकार बन सके, लेकिन उन लोगों को लगा कि मैं धोखा करने वाली हूं।''मुझे उन लोगों से कोई अपेक्षा नहीं है। मैंने अपने पोस्ट में लिखा था कि प्रथम राष्ट्र, द्वितीय पार्टी और तृतीय मैं। तो कैसे उन लोगों ने यह सोच लिया कि मैंने धोखा करने वाली हूं। मीडिया में भी यह बात चलाई गई कि मैं पार्टी छोड़ने वाली हूं। जैसे नाथा भाऊ (एकनाथ खडसे) ने बोला कि हमें पार्टी के दरवाजे से ही बाहर निकालने की कोशिश हो रही है तो हम क्या करें? आखिर। यह अफवाह उड़ाई गई कि मैं अलग पार्टी बनाऊंगी। पार्टी के ही लोग मुझे गुनहगार बताने लगे।'