लक्ष्मी ने बनाई अपनी पहचान


नरसिंहपुर। महिला सशक्तिकरण की मिसाल के रूप में लक्ष्मी कहार ने समाज में सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। विकासखंड सांईखेड़ा के ग्राम बोदरी की रहने वाली श्रीमती लक्ष्मी कहार की यह कहानी है। वह बताती हैं कि उनके परिवार में उनके पति व दो बेटियां हैं। पति और वे मिलकर सिलाई का कार्य करते थे। सिलाई का काम तो उन्हें मिलता था लेकिन समय पर पूर्ण करना एक चुनौती होती थी। पुरानी काली मशीन में समय भी लगता था और आमदनी भी ठीक नहीं हो पाती थी। उससे प्राप्त आमदनी से घर का खर्च व बच्चों की पढ़ाई का कार्य अत्यंत कठिन होता था। वर्ष 2017 में वे आजीविका मिशन के राधा स्वसहायता समूह से जुड़ी। समूह की बचत और चक्रीय राशि से घर की छोटी- मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लिया। इसके बाद उन्होंने सोचा कि आधुनिक इलेक्ट्रानिक मशीन खरीद ली जाये, तो आमदनी में इजाफा हो सकता है। इसके लिए श्रीमती लक्ष्मी ने सामुदायिक निवेश निधि तथा बैंक लिंकेज की राशि से कुल 90 हजार रूपये का ऋण लिया तथा एक आधुनिक सिलाई मशीन खरीदी। इस मशीन के आने से न केवल कार्य की गति बढ़ी बल्कि गुणवत्ता में भी काफी सुधार आया। इसकी बजह से उन्हें और सिलाई कार्य मिलने लगे। इसका असर यह हुआ कि वर्ष 2018- 19 में शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के गणवेश सिलने का कार्य भी प्राप्त हुआ। पुरानी सिलाई मशीन से जहां उन्हें पहले 3 से 4 हजार रूपये की आय प्राप्त होती थी अब वह बढ़कर 11 से 12 हजार रूपये हो गई। इसका श्रेय वह आजीविका मिशन को देती हैं। अब उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और बच्चियां अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। समाज में उनकी पहचान सफल उद्यमी के रूप में हो रही है।