कमांडो-3 में  विद्युत जामवाल का जोरदार अभिनय, किरदार में जमाया रंग 


मुंबई। एक्शन हीरो के नए अवतार के लिए बॉलीवुड में एक हीरो विद्युत जामवाल का प्रवेश खुशखबरी की तरह है क्योंक् यह जगह कई वर्षों से खाली है। विद्युत की नई फिल्म कमांडो-3 इसी सिलसिले में उनका ताजा प्रयास है और इसमें वो काफी हद तक सफल भी हुए हैं। कहानी के दो सिरे हैं- देशभक्त कमांडो करन सिंह डोगरा (विद्युत) और लंदन में रहने वाला खूंखार आतंकवादी बुर्राक अंसारी (गुलशन देवैया)। इस लड़ाई में करन के साथ दो लडकियां भी हैं- हंसोड़ भावना रेड्डी (अदा शर्मा) और स्टाइलिश मल्लिका (अंगिरा धर)। उन्हें विद्युत का 'ओब्जेक्टिफिकेशन' करने से भी कुछ ख़ास गुरेज नहीं है, बल्कि एक बार तो दोनों में इस बात पर नोकझोंक होती है कि विद्युत के साथ बिस्तर पर कौन किस तरफ सोएगा। कमांडो-3 के मूल में विद्युत के हैरतअंगेज़ एक्शन सीन हैं। बिना वक्‍त गंवाए फिल्म में एक दृश्य क्रिएट किया जाता है, जिसमें विद्युत का सामना अखाड़े के कुछ पहलवानों से होता है। वैसे भी हमारे जेहन में कमांडो 1 के स्टंट्स ताज़ा हैं और इसीलिए विद्युत से उम्‍मीदें और भी बढ़ जाती हैं। इसमें वो खरे भी उतरते हैं। फिल्म के दूसरे हिस्से में वो और भी मेहनत करते नज़र आते हैं। असल में डायरेक्टर आदित्य दत्त के मन में फिल्म की टोन को लेकर कोई संदेह नहीं है। 140 मिनट की फिल्म का अच्छा ख़ासा भाग एक्शन पर खर्च किया गया है लेकिन फिर भी कमांडो-3 पहली फिल्म के स्तर को नहीं छू पाई है। गुलशन देवैया की ओवरएक्टिंग को उनके लाउड रोल ने ढक लिया है। वैसे बिना किसी सूक्ष्म परीक्षण के कहा जाए तो उन्होंने अच्छा काम किया है। अदा शर्मा भी जमी हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग गजब की है। कमांडो-3 अपने मकसद में कामयाब फिल्म है, बशर्ते आप इसके अति नाटकीय क्लाइमेक्स को नज़रअंदाज़ कर दें। यह फिल्म अपना दर्शक वर्ग जानती है और कतई आश्चर्य नहीं होगा अगर ये बॉक्स ऑफिस पर भी सफल साबित होती है।