कैब के खिलाफ दिल्ली और यूपी में प्रदर्शन


 -दिल्ली में 4 बजे खत्म हुआ पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के विरोध में रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा हुई। रविवार शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूंक दी। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। पुलिस के विरोध में रात 9 बजे से पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जामिया और जेएनयू के छात्र प्रदर्शन करने जमा हो गए। पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर छात्रों का विरोध प्रदर्शन तड़के साढ़े चार बजे तक चला। इसके बाद छात्र पुलिस हेडक्वार्टर से रवाना हुए।
कांग्रेस ने दिया समर्थन
कांग्रेस ने रात 11.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को पुलिस कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया। रात 12 बजे के करीब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे। वहीं, जामिया में हुई झड़प में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।  
अलीगढ़ में 10-15  लोग हिरासत में लिए गए
इधर जामिया के बाद अलीगढ़ के एएमयू में भी बवाल हुआ है। वहां भी पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। एहतियातन अलीगढ़, सहारनपुर और मेरठ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के डीआईजी समेत अन्य पुलिस अधिकारी रविवार रात अलीगढ मुस्लिम युनिवर्सिटी पहुंचे। इस दौरान 10-15 असामाजिक तत्वों को हिरासत में भी लिया गया। इसके अलावा 16 दिसंबर को अलीगढ़ के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। वहीं, यूपी के पुलिस महानिरीक्षक (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से शांति है।
यूपी के 6 जिलों में धारा 144
यूपी के 6 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों से शांति और सौहार्द की अपील की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ऑफिस की तरफ से जारी बयान में सीएम ने शांति और सौहार्द की अपील करते हुए कहा, नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। प्रदेश सरकार हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि सभी नागरिकों द्वारा कानून का पालन किया जाए। राज्य में कायम अमन चैन के माहौल को प्रभावित करने की किसी को अनुमति नहीं है।
लखनऊ के नदवा कॉलेज में भी प्रदर्शन
दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान छात्र की मौत की अफवाह पर रविवार रात नौ बजे नदवा कॉलेज के छात्र भी सड़क पर आए गए। छात्रों ने कॉलेज के गेट पर इकट्ठे होकर नारेबाजी की। सूचना पर आधा दर्जन थानों की पहुंची पुलिस ने छात्रों को तत्काल गेट के अंदर कर दिया गया। पनदवा कॉलेज प्रबंधन ने भी छात्रों को प्रदर्शन करने से मना कर दिया। एहतियातन देर रात तक पुलिस नदवा कॉलेज में मौजूद थी। 
अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन जारी
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के अलावा पश्चिम बंगाल, पटना, बैंगलोर, गुवाहटी, उत्तराखंड और अलीगढ़ में भी पूरे दिन प्रदर्शन जारी रहा। पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रविवार को लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के छह जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है।