जनता की समस्याएं हल नहीं हुई, तो सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेंगेः शिवराज सिंह


भोपाल। यह जन पंचायत जनता की समस्याओं के समाधान का कार्यक्रम है। हम एक-एक कर सबका आवेदन लेंगे और संबंधित विभाग के अधिकारियों से उस समस्या पर बात करेंगे। हमारी अपेक्षा यह है कि समस्याओं का निदान होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यंमत्री शिवराजसिंह चौहान ने शनिवार को बुधनी में आयोजित जन पंचायत के अवसर पर कही। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याएं सुनी और अधिकारियों से चर्चा कर समस्याओं के निदान के निर्देश दिये।
- किसानों से लेकर प्रसूताएं तक परेशान
पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान की जन पंचायत हर वर्ग के लोगों ने भाग लिया और समस्याएं बताईं। कुसुमखेड़ा के ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने बताया कि अब तक एक बोरी यूरिया नहीं पहुंचा है और ब्लैक में बिक रहा है। कुछ किसानों ने नुकसान का पूरा मुआवजा न मिलने की बात कही। प्रसूता बहनों ने शिकायत की कि उन्हें प्रसूति सहायता राशि नहीं मिली है। वहीं, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की 51000 रुपये की राशि भी नहीं मिलने की शिकायतें आईं।
- बेटियों के हक का पैसा तत्काल दें
पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जन पंचायत के दौरान उपस्थित अधिकारियों को लोगों द्वारा की गई शिकायतों के बारे में निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय खराब फसलों की पूरी राशि दी जाती थी, अब आपने ऊंट के मुंह में जीरे जैसी स्थिति क्यों बना रखी है? कई किसानों के खातों में मुआवजे की सिर्फ 25 प्रतिशत राशि जमा कराई गई है, बाकी राशि शीघ्र जमा कराएं। खाद-बीज की समस्याओं पर तुरंत ध्यान दें। प्रसूति सहायता राशि के बारे में श्री चौहान ने निर्देश दिये कि इधर-उधर की कहानी न बताएं, हर बहन के खाते में 16000 रुपए की राशि जमा कराएं। पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्यादान योजना की राशि न दिये जाने पर कहा कि मेरा प्रदेश सरकार से आग्रह है कि बेटियों के हक का पैसा तत्काल उनके खाते में जमा कराए।
- बातचीत से समाधान का प्रयास है जनपंचायत
बुधनी में जनपंचायत के आयोजन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया को संबांधित किया। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं को लेकर एक तरफ जहां हम संघर्ष करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हमारी कोशिश रहती है कि बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजा जाए। बुधनी की जन पंचायत ऐसा ही एक प्रयास था, जिसमें लोगों ने कई तरह की समस्याएं बताई हैं।
हरि प्रसाद पाल / 07 दिसम्बर, 2019