डाटा चुराया तो खैर नहीं: निजी डाटा सुरक्षा बिल को मोदी सरकार की हरी झंडी


केंद्रीय की बैठक में कई सारे फैसले लिए गए हैं जिनमें आम आदमी से जुड़ा भी एक बिल है। केंद्रीय बैठक में डाटा सुरक्षा बिल को मंजूरी दे दी गई है। इस बिल के मुताबिक डाटा लीक होने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है।


निजी डाटा सुरक्षा बिल के तहत व्यक्तिगत डाटा के इकट्ठा करना और उसे किसी के साथ साझा करने पर जुर्माने का प्रावधान है। भारत में निजी डाटा सुरक्षा बिल GDPR की तर्ज पर ही पेश किया गया है जिसे यूरोपियन यूनियन ने 2018 में लागू किया था।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस विधेयक में निजी डेटा के संचालन के संबंध में ढांचा तैयार करने की बात कही गई है जिसमें सार्वजनिक एवं निजी निकायों के आंकड़े भी शामिल हैं । जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि यह विधेयक संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जायेगा ।

समझा जाता है कि विधेयक में निजी डाटा हासिल करने, भंडारण और एकत्र करने के बारे में व्यापक दिशानिर्देश होने के साथ ही व्यक्तियों की सहमति, दंड, मुआवजा, आचार संहिता और उसे लागू करने के मॉडल का भी उल्लेख होगा ।पिछले सप्ताह सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार जल्द ही संसद में एक मजबूत और संतुलित व्यक्तिगत डाटा संरक्षण कानून पेश करेगी जिसके मुताबिक भारत किसी भी सूरत में डाटा सिक्योरिटी को लेकर से समझौता नहीं करेगा।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही व्हाट्सएप यूजर्स का डाटा लीक हुआ था और भारत के भी 121 लोगों के व्हाट्सएप अकाउंट की जासूसी की गई थी। व्हाट्सएप ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि इस्रायल की एनएसओ ग्रुप ने पिगासस सॉफ्टवेयर के जरिए दुनियाभर के 1,400 लोगों के अकाउंट को हैक किया था।

गौरतलब है कि पिछले साल यूरोपियन यूनियन ने जेनरल डाटा प्रोटेक्शन रेग्लूयलेशन (GDPR) के नाम से एक बिल पास किया था। इसके तहत सभी टेक कंपनियों को हर हाल में यूजर्स को अपना डाटा डाउनलोड करने की सुविधा देनी होगी। GDPR टूल के तहत कोई भी यूजर अपना सोशल मीडिया डाटा डाउनलोड कर सकेगा ताकि उसे पता चल सके कि उसकी सोशल मीडिया कंपनी के सर्वर पर उसकी कौन-कौन सी जानकारियां हैं।