अब विदेश से आ रही है प्याज
प्याज के बढ़ते दामों ने केन्द्र सरकार की नींद हराम कर दी है। लगातार बढ़ती प्याज की कीमतों की वजह से सरकार अब विदेश से प्याज मंगवाने की तैयारी भी कर रही है। प्याज के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने के लिए आपूर्ति बढ़ाने के वास्ते सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने विदेशों से 6,090 टन प्याज आयात करने का अनुबंध किया है।
केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने पिछले हफ्ते ही 1.2 लाख टन प्याज आयात करने को मंजूरी दी है। सरकार ने सौ रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंचे प्याज के खुदरा दाम पर अंकुश लगाने के लिए यह फैसला किया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्याज का दाम 70 रुपए किलोग्राम के आसपास चल रहा है।
उपभोक्ता मामले सचिव एके श्रीवास्तव प्याज के दाम, उसकी आपूर्ति और दाम को लेकर विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समीक्षा बैठक भी कर चुके हैं। एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज का अनुबंध किया है। यह अनुबंध मिस्र से किया गया है, और इसकी खेप जल्द ही मुंबई बंदरगाह पर पहुंच जाएगी। सूत्रों के अनुसार एमएमटीसी को जहां एक तरफ प्याज के आयात का काम दिया गया है वहीं सरकारी क्षेत्र की संस्था नेफेड रसोई में काम आने वाली इस महत्वपूर्ण सामग्री की घरेलू बाजार में आपूर्ति करेगी।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने यह कहा था कि खरीफ और खरीफ के आखिरी दौर में होने वाली प्याज की पैदावार में 26 फीसद तक कमी आने का अनुमान है। प्याज का उत्पादन 2019-20 के खरीफ मौसम में घटकर 52 लाख टन रहने का अनुमान व्यक्त किया गया। इससे प्याज की आपूर्ति और दाम पर दबाव बढ़ गया। पासवान ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि प्याज की फसल मौसमी होती है। रबी मौसम में मार्च से जून के दौरान इसकी पैदावार होती है जबकि खरीफ की फसल अक्टूबर से दिसंबर और खरीफ की आखिरी दौर की फसल जनवरी-मार्च में होती है। अब यह देखना है कि विदेश से आने वाली प्याज का कीमतों में कितना असर पड़ता है।