62 फीसदी लोग कानून के समर्थन में: सर्वे


- असम के 68 प्रतिशत लोग नागरिकता कानून के विरोध में
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच एक सर्वे लोगों की आंख खोलने वाला है। देश के 62 प्रतिशत लोग सीएए का समर्थन करते हैं। वहीं असम के 68 प्रतिशत लोग इस कानून के खिलाफ हैं। आईएएनएस-सीवोटर के सर्वे में शनिवार को इस बात की जानकारी सामने आई। देशभर में तीन हजार नागरिकों में 17 से 19 दिसंबर के बीच कराए गए स्नैप पोल में नमूने के तौर पर सबसे अधिक लोग 500 असम से लिए गए थे, जिसमें पूर्वोत्तर व मुस्लिम समुदाय के लोग समान रूप से मौजूद रहे। रिपोर्ट के अनुसार, देशभर के 62.1 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह सीएए के समर्थन में हैं, जबकि 36.8 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह इसके विरोध में हैं। रिपोर्ट में पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से 57.3, 64.2, 67.7 और 58.5 प्रतिशत लोगों ने क्रमश: कानून के पक्ष में होने की बात कही। इसी प्रकार पूरब में 42.7 प्रतिशत, पश्चिम में 35.4 प्रतिशत, उत्तर में 31.2 प्रतिशत और दक्षिण में 38.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह इस कानून का विरोध करते हैं।
पूर्वोत्तर में 50.6 प्रतिशत लोग समर्थन में
पिछले हफ्ते पूर्वोत्तर में इस कानून का भारी विरोध हुआ था, रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि यहां 50.6 प्रतिशत लोग कानून के समर्थन में हैं, वहीं 47.7 लोग इस एक्ट के विरोध में हैं। सर्वे से पता चलता है कि सिर्फ असम में ही 68.1 प्रतिशत लोग सीएए के विरोध में हैं, जबकि 31 प्रतिशत इसका समर्थन कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि मुस्लिमों में 63.5 प्रतिशत लोग इसके खिलाफ हैं, जबकि 35 प्रतिशत इसका समर्थन करते हैं और 0.9 प्रतिशत का कहना है कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।
66.7 प्रतिशत हिंदुओं ने कहा, कानून सही
यदि हिंदुओं की बात करें तो 66.7 प्रतिशत लोग इसका समर्थन करते हैं, जबकि 32.3 प्रतिशत इसके विरोध में हैं। इसी प्रकार अन्य धर्मों की बात की जाए तो 62.7 इसके पक्ष में है, वहीं 36 प्रतिशत सीएए का विरोध कर रहे हैं। सर्वे में कहा गया कि पूरब, पश्चिम और उत्तर भारत में 69, 66, 72.8 प्रतिशत लोगों को क्रमश: ऐसा लगता है कि यदि दूसरे देशों से लोग भारत में आकर बसे तो सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि, दक्षिण भारत के 47.2 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं, जबकि 50 प्रतिशत को ऐसा लगता है कि अन्य देशों के लोगों के यहां बसने से देश को कोई खतरा नहीं होगा।
असम के लोगो ने माना, खतरा हैं बाहरी 
पूर्वोत्तर राज्यों में केवल 59.8 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं। जबकि 35.7 प्रतिशत इस बात का विरोध करते हैं। इस बीच असम की बात करें तो 73.4 प्रतिशत लोगों को ऐसा लगता है कि यदि विदेशी भारत में आकर बसे तो वह समाज और सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। वहीं, 21.8 प्रतिशत लोगों को ऐसा नहीं लगता है। हिंदुओं और मुस्लिमों में 65.3 और 67.5 प्रतिशत लोगों को क्रमश: ऐसा लगता है जबकि 33 और 28.2 प्रतिशत लोग इस बात से इनकार करते हैं। सीएए को लेकर सरकार और विपक्ष के समर्थन के सवाल पर 58.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह सरकार के साथ हैं जबकि 31.7 प्रतिशत ने विपक्ष को अपना समर्थन दिया है। 
हिंदू और मुस्लिम बंटे 
इसी प्रकार से पूरब, पश्चिम, उत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर लोगों ने सरकार का समर्थन किया है, वहीं दक्षिण भारत के 47.2 प्रतिशत लोगों ने इस बात को लेकर विपक्ष का साथ दिया है। असम में 53.5 प्रतिशत लोग विपक्षी पार्टियों के साथ खड़े दिखाई देते हैं जबकि 33.7 प्रतिशत लोग सरकार के पक्षधर हैं। सीएए को लेकर सरकार के साथ खड़े होने के मामले में हिंदू और मुस्लिम बंटे हुए हैं। 67 प्रतिशत हिंदू इसका समर्थन करते हैं जबकि 1.5 प्रतिशत मुस्लिम इस मुद्दे पर सरकार को छोड़ विपक्ष का साथ देते नजर आ रहे हैं।