22 दिन से आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों ने विरोध में ओढ़ा कफन; बोले- जब तक नियमितिकरण नहीं, तब तक धरना


भोपाल. अतिथि विद्वानों का धरना कड़ाके की सर्दी के बीच 22वें दिन भी जारी है। अतिथि विद्वानों ने मंगलवार की शाम को कफन ओढ़कर विरोध जताया। उनका कहना है कि जब तक नियमितिकरण नहीं हो जाता, हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके पहले दिन में अतिथि विद्वानों ने फैसला लिया था कि मंगलवार की रात कफन ओढ़ कर नए साल का जश्न मनाएंगे। 


अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा कि जब तक सरकार नियमितीकरण नहीं कर देती या फिर हमें बाहर नहीं कर देती। तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। हमने विरोध जाहिर करने के लिए कफन ओढ़कर नए साल का जश्न मनाने का फैसला किया है। 


उनका आरोप है कि उन्हें पिछले महीनों का मानदेय भुगतान नहीं हुआ है। पीएससी से चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति देकर अतिथि विद्वानों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद खाली पदों पर दोबारा से कार्य सौंपने की बात कही जा रही है, लेकिन इससे भी लाभ नहीं होगा। इसलिए सीएम से मांग है कि वे जल्द ही संज्ञान लें और उनका नियमितीकरण करें।



अभी यह मिलता है मानदेय... वर्ग-1 में सेवाएं देने वाले अतिथि शिक्षकों को 90 रुपए प्रति पीरियड मानदेय दिया जाता है। मासिक तौर यह 7 से 9 हजार रुपए होता है। वर्ग-2 में सेवा देने वाले अतिथि शिक्षकों को 75 रुपए पीरियड मानदेय दिया जाता है। मासिक तौर पर 4500 रुपए से 7 हजार रुपए होता है। इसी प्रकार वर्ग 3 के अतिथि शिक्षकों को 50 रुपए प्रति पीरियड मानदेय मिलता है।


अतिथि शिक्षकों ने कहा- स्थायी कर दें तो अगले तीन साल तक कोई धरना नहीं  
इधर, अतिथि शिक्षकों को धरना देते हुए भी तीन दिन हो गए हैं। अतिथि शिक्षक समन्वयक समिति के बैनर तले धरना दे रहे अतिथि शिक्षकों का कहना है वे जिस मानदेय में काम कर रहे हैं, उसी में स्थाई कर दें। ऐसा होता है तो वे अगले तीन साल तक कोई आंदोलन नहीं करेंगे। प्रांताध्यक्ष सुनील सिंह परिहार का कहना है कि अतिथि शिक्षकों को गुरुजी की तर्ज पर विभागीय परीक्षा लेकर उसी वेतन में स्थाई किया जा सकता है। अभी इनका भविष्य सुरक्षित नहीं होने के कारण पूरा परिवार प्रभावित होता है।