सिंगरौली जिले में मच्छरों का आतंक, मलेरिया, डेंगू ने फैलाये पॉव

नगर निगम द्वारा मच्छररोधी दवा का छिड़काव नाकाफी, रोजाना चिकित्सालयों में पहुंच रहे हैं मलेरिया के मरीज
कालचिंतन, कार्यालय
बैढ़न(सिंगरौली)। सिंगरौली जिले में इन दिनों मच्छरों का आतंक चरम पर पहुंच गया है। बरसात के बाद शर्दियों में जहां मच्छरों की संख्या कम हो जाती है परन्तु उतनी शर्दी भ्ीा अब तक नहीं पड़ रही है जिससे मच्छरों की संख्या में कमी आ सके जिस कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मच्छरजनित बीमारियों से सिंगरौली जिले में अपने पॉव पसार लिये हैं। मलेरिया से लेकर डेंगू के मरीज रोजाना चिकित्सालयों में पहुंच रहे हैं। 




सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के लक्ष्मी मार्केट जयंत, जैतपुर, निगाही, अमलोरी, विन्ध्यनगर, नवजीवन बिहार, वैढ़न के गनियारी, नौगढ़ सहित लगभग जिले के सभी इलाकों में मच्छरों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। गंदगी, भरी हुई नालियां तथा नगर निगम द्वारा मच्छर रोधी दवाओं का समुचित छिड़काव न होने के कारण स्थिति भयावह होती जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम में मच्छर रोधी दवा का आभाव है जिस कारण निगम क्षेत्र में दवाओं का छिड़काव नहीं हो पा रहा है। जिले में डेंगू को लेकर भी इन दिनों भय का माहौल बना हुआ है। जिले में इस बीमारी से पीड़ित दो लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भी निगम अमला डेंगू को लेकर बेफिक्र बना हुआ है। स्वास्थ्य अमला जिलेभर में तो दूर मुख्यालय वैढ़न तक में डेंगू की जांच के लिए कोई व्यवस्थित इंतजाम नहीं मुहैया करा पाया है। सरकारी अमले के चिकित्सक भी संदिग्ध मरीजों को मलेरिया या वायरल बीमारी तक ही सीमित रह जाते हैं। जिससे लोग मजबूर होकर क्षेत्र में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों के पास जाते हंै और वहां से भी राहत न मिलने पर जिले में बाहर जाकर इलाज कराने को मजबूर रहते हैं। 
वैढ़न शहर क्षेत्र में साफ सफाई के लिए जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन भी मच्छर जनित बीमारियों के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है क्योंकि उसके द्वारा नियमित रूप से शहर क्षेत्र में मच्छरों को मारने के लिए न तो फागिंग कराई जाती है और ना ही नालियों और आवश्यक जगहों पर दवाओं का छिड़काव कराया जाता है जिससे मच्छर तेजी से पनपते हैं और शहरवासियों का जीना दुश्वार है।