सेक्युलर छवि बचाने की मजबूरी में उद्धव की शपथ से दिग्गजों ने बनाई दूरी 


मुंबई। पिछले साल कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण में विपक्षी दलों के कई दिग्गज एक मंच पर दिखे थे. उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार फिर महाराष्ट्र में विपक्ष की एकता उद्धव के शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर देखने को मिल सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. गुरुवार शाम जब शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली तो शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कोई नहीं था. यही नहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाए रखी. दरअसल कांग्रेस के मन में शिवसेना को लेकर एक दूरी है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनने के लिए शुभकामना पत्र तो भेजा लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में तीनों शामिल नहीं हुए. शपथ ग्रहण का न्योता अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को भी भेजा गया था. लेकिन दोनों ही नेताओं ने झटका दे दिया. आदित्य ठाकरे ने खुद सोनिया को न्योता दिया था, लेकिन वे शपथ ग्रहण में नहीं आ पाईं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने भी उद्धव ठाकरे को बधाई पत्र भेजा. दोनों ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न हो पाने पर खेद जताया. साथ ही ठाकरे को नई जिम्मेदारी की बधाई दी. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को शपथ में बुलाने के लिए बेटे आदित्य को खुद सोनिया, मनमोहन और राहुल को आमंत्रित करने के लिए गुरूवार को दिल्ली भेजा था. 
- कुमारस्वामी के मंच पर दिखी थी विपक्षी ताकत
23 मई 2018 को कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान मंच पर विपक्षी एकजुटता की तस्वीर देखने को मिली थी. मंच पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायवती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नजर आए थे.