हमें खुली आकाश नीति को पूरी तरह से लागू करने की जरूरत : ट्राई प्रमुख शर्मा  

 



नई दिल्ली । हमें खुली आकाश नीति को पूरी तरह से लागू करने की जरूरत है यह बात ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा ने कही है। शएसर्मा ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के उपग्रह संचार और प्रौद्योगिकी की देश में मौजूद कारोबारी संभावनाओं को समझने की जरूरत बताई। ट्राई ने कहा कि इसके लिए नियामकीय बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि भारत में डेटा को उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता जाता है और इसकी लागत अमेरिका के मुकाबले यहां 400 गुना अधिक है। यह दूरसंचार और मोबाइल सेवाओं से बिल्कुल उलट है जहां देश में दुनिया की सबसे सस्ती दर के प्लान पर सेवाएं दी जा रही हैं। शर्मा ने यहां इंडिया सैटकॉम 2019 कार्यक्रम में कहा कि उपग्रह प्रौद्योगिकी का उसकी पूरी क्षमता के साथ उपयोग करने के लिए 'खुली आकाश नीति' को अक्षरश: लागू करने की जरूरत है। इस कार्यक्रम का आयोजन ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम ने किया था। उन्होंने कहा, 'इसकी वजह प्रौद्योगिकी अक्षमता नहीं है। बल्कि असल कारण यह है कि हमने इसकी बाजार क्षमताओं का उपयोग करने संभवत: अनुमति नहीं दी है या हमने खुली आकाश नीति को लागू नहीं किया है जो पहले दूरसंचार नीति का हिस्सा थी और राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति का हिस्सा है।' शर्मा ने कहा, 'हमें खुली आकाश नीति को पूरी तरह से लागू करने की जरूरत है।' शर्मा ने चेतावनी दी कि उपग्रह संचार क्षेत्र में किसी भी तरह का संरक्षणवाद उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने वाला होगा। उपग्रह संचार प्रौद्योगिकी की नई पद्धतियां आ रही हैं जो उन्नत एप्लिकेशंस के लिए संभावनाओं को खोल रही हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि इसे लेकर कोई तकनीकी बाधा हो, मेरा विचार है कि नियामकीय बाधाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि ग्राहकों के फायदे के लिए सरकार और ट्राई हमेशा बाजार ताकतों को आगे बढ़ाने की जरूरत को समझते हैं।