हैदराबाद: पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन, पीड़िता के घर पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम


 

हैदराबाद में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी हैवानियत के मामले से नाराज लोगों को गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा। लोगों ने शादनगर पुलिस थाने के जमा होकर प्रदर्शन किया। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य भी पीड़िता के घर पहुंच गए हैं। उन्होंने महिला पशु चिकित्सक के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, इस घटना को लेकर पूरे देश में उबाल है। सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक लोग अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। वहीं तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसै सौंदरराजन शनिवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। बता दें कि हैदराबाद में कुछ लोगों ने एक युवा महिला पशुचिकित्सक (27) के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसे जिंदा ही जला दिया था। इसके बाद उसकी अधजली लाश को पुल से नीचे फेंक दिया गया था। शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के सदस्य भी पीड़िता के घर पहुंच गए।

संसद के बाहर दिल्ली की बेटी ने दिया धरना
हैदराबाद की इस घटना से आहत दिल्ली की एक लड़की ने शनिवार सुबह सात बजे संसद के बाहर महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रदर्शन किया। हालांकि उसके कुछ ही देर बाद दिल्ली पुलिस अनु दुबे को वहां से जबरन उठाकर संसद थाने में ले गई और लगभग चार घंटे तक वहां रखा। अब पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है और अब वह कह रही हैं कि ये सिर्फ हैदराबाद वाले मामले के खिलाफ नहीं है बल्कि दुष्कर्म के सभी मामलों के खिलाफ और महिला सुरक्षा के लिए प्रदर्शन है।


इसलिए कहा जा रहा निर्भयाकांड जैसा मामला



जिस तरह निर्भया को मदद का भरोसा देकर बस में बैठा लिया गया था, उसी तरह मदद का झांसा देकर यहां भी इंसानियत को शर्मसार कर दिया गया। यहां के शादनगर थाने में हुई इस घटना के प्रकाश में आने के बाद शुक्रवार को पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पेशे से ट्रक ड्राइवर और उसके सहायक हैं।

इस पशु चिकित्सक का शव शादनगर के बाहरी इलाके में हैदराबाद-बंगलूरू राजमार्ग पर बने एक पुल के नीचे बृहस्पतिवार को बरामद हुआ था। इस पीड़िता की छोटी बहन ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा था कि बुधवार रात नौ बजकर 22 मिनट पर उसकी इस बड़ी बहन से बात हुई थी। 

उसने कहा था कि वह एक टोल प्लाजा के पास है और किसी ने उसकी स्कूटी के टायर की हवा निकली होने की बात कह कर मदद की पेशकश की थी। जब छोटी बहन ने दोबारा नौ बजकर 44 मिनट पर फोन किया तो उसका फोन बंद आ रहा था। पीड़िता का शव टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर पाया गया।




गृहराज्य मंत्री ने कहा राज्यों को जारी होगी एडवाइजरी 



गृहराज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह तेलंगाना सरकार के संपर्क में हैं ताकि दोषियों को मृत्युदंड दिलवाया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र इस मामले में राज्यों को एक परामर्श भी भेजेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा सकें। रेड्डी ने कहा कि मामले में लिप्त लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए और किसी वकील को उनका मुकदमा नहीं लड़ना चाहिए।

सोशल मीडिया में आया उबाल


इस घटना के सामने आने के बाद से पूरे देश में आक्रोश फैल गया। लोगों ने ट्विटर, फेसबुक जैसे माध्यमों से अपनी नाराजगी प्रकट की। इनमें केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, खिलाड़ी साइना नेहवाल जैसे बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं। ट्विटर पर टॉप तीन ट्रेंड इस मामले को लेकर रहे।




महिला आयोग ने जांच समिति गठित की



राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस नृशंस हत्याकांड के लिए जांच समिति का गठन कर दिया है। चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि आयोग दोषियों को सजा दिलाने में कोई कोरकसर बाकी नहीं रखेगा।
आयोग ने उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है जिन्होंने पीड़िता के पिता की मदद करने से इंकार कर दिया था।

तेलंगाना मंत्री के बयान से विवाद 


तेलंगाना सरकार में मंत्री ने इस मामले में यह कह कर विवाद पैदा कर दिया है कि पीड़िता ने पुलिस को फौरन इत्तला क्यों नहीं दी। तेलंगाना के गृह राज्य मंत्री मोहम्मद मोहम्मद अली ने कथित तौर पर कहा कि पीड़िता को अपनी बहन को फोन करने से पहले पुलिस को फोन करना चाहिए था।










बाद में उन्होंने सफाई में कहा कि वह यह कहना चाह रहे थे कि समय पर पुलिस को जानकारी मिलती तो उसकी जान बच सकती थी। सीएम के.. चंद्रशेखर राव के बेटे और मंत्री केटी रामाराव स्वयं इस मामले पर निगाह रखे हुए हैं।