गैर आदिवासियों को जमीन बेचने पर प्रतिबंध पहले जैसा ही 

सीएम ने दोहराया, नहीं होगी आदिवासी हितों की अनदेखी 
भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर अब भी पहले जैसा ही प्रतिबंध लागू है। सरकार कभी भी आदिवासियों के हितों की अनदेखी नहीं करेगी। इन नियमों में अभी तक किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। भू-राजस्व संहिता की एक धारा में सिर्फ गैर आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी के खरीदने पर डायवर्सन की समयसीमा को समाप्त किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने साफ किया है कि मध्‍यप्रदेश में अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने के लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इसके पीछे स्वार्थी तत्वों का हाथ है। सरकार ने न तो ऐसा कोई निर्णय लिया है और न ही ऐसा कभी किया जाएगा।
 मुख्‍यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि प्रदेश में आज भी आदिवासी की जमीन गैर आदिवसी को बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। कलेक्टर भी इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं। मुख्‍यमंत्री ने बताया कि राज्‍य की भू-राजस्व संहिता में सामान्य सा यह बदलाव किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी के गैर आदिवासी की जमीन खरीदने के बाद दस साल तक डायवर्सन करने पर जो प्रतिबंध था, उस समय सीमा को समाप्त कर दिया है। इससे भ्रम नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासियों के हितों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।